Saturday, January 9, 2010

संगीता पुरी जी का सराहनीय कार्य ... 5 दिन में 45 लेख दिये गूगल के 'है बातों में दम?' प्रतियोगिता को

यह देखकर मुझे अपार हर्ष हुआ कि संगीता पुरी जी ने 5 दिन में 45 लेख दिये हैं गूगल के 'है बातों में दम?' प्रतियोगिता को! प्रतियोगिता में उनके द्वारा डाले गये लेखों की लिस्ट आप यहाँ क्लिक करके देख सकते हैं।

संगीता जी ने 4 जनवरी 2010 को प्रतियोगिता में भाग लेना आरम्भ किया मात्र 5 दिन में 45 लेख समर्पित कर दिया प्रतियोगिता को। नेट में हिन्दी के विस्तार के लिये यह अत्यन्त सराहनीय कार्य है उनका! मैं आशा करता हूँ कि उनका यह कार्य आपके लिये भी प्रेरणा बनेगी और आप भी बढ़ चढ़ कर इस प्रतियोगिता में अवश्य ही भाग लेंगे।

आपके इस कार्य के लिये हार्दिक धन्यवाद संगीता जी!

आज नेट में हिन्दी के जानकारीयुक्त अच्छे लेखों की अधिक से अधिक संख्या में जरूरत है और इस जरूरत को पूरा करने में आप सभी का सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है।

9 comments:

Satish Saxena said...

संगीता जी को शुभकामनायें !

संगीता पुरी said...

आपका बहुत बहुत धन्‍यवाद .. ज्‍योतिष से इतर अपने आलेख मैने इसमें डाल दिए हैं .. पर स्‍पेस सहित 300 अक्षरों से अधिक इसमें नहीं प्रकाशित हो रहा है .. जबकि दूसरे लेखकों के कुछ लंबे आलेख भी दिख रहे हैं .. ये बात मेरी समझ में नहीं आया .. आगे और क्‍या करना है ये भी मेरी समझ में नहीं आ रहा !!

Unknown said...

संगीता जी, कभी कभी लेख डालने में परेशानी आ जाती है क्योंकि नोल अभी बीटा स्टेज में है। यदि ऐसी परेशानी आती है तो कुछ देर रुक कर एकाध घंटे बाद लेख डालें।

Udan Tashtari said...

संगीता जी को बधाई...

राजीव तनेजा said...

आपकी इस पोस्ट से प्रेरणा पा कर मैंने भी एक घंटे मे ग्यारह लेख डाल दिए हैं .. :-)

राज भाटिय़ा said...

संगीता जी को खुब सारी बधाई

Alpana Verma said...

Sangeeta ji ko shubhkamnayen...

@Wahan di gayee Ek shart ke anusaar-
आपको भारत का रहवासी होना चाहिए.

Kya Iska arth hai NRIs is mein bhaag nahin le sakte???

@Awadhiya ji kripya clear kareeyega
Abhaar

Unknown said...

अल्पना जी,

'है बातों में दम?' प्रतियोगिता के नियम में तो यही लिखा है कि "आपको भारत का रहवासी और नागरिक होना चाहिए"। और इसका अर्थ तो यही निकलता है कि अप्रवासी भारतीय NRIs इसमें भाग नहीं ले सकते।

मैंने गूगल के "हिंदी नोल बुलेटिन बोर्ड" में इस प्रश्न को रख दिया है और स्पष्टीकरण माँगा है।

वहाँ पर मैं यह भी सुझाव दिया है कि "उचित तो यही है कि कोई भी हिन्दीभाषी इस प्रतियोगिता में भाग ले सके"।

आप भी "हिंदी नोल बुलेटिन बोर्ड" में स्वयं जाकर स्पष्टीकरण माँग सकती हैं।

Alpana Verma said...

बहुत बहुत धन्यवाद प्रश्न के उत्तर aur link के लिए.
मैं भी वहाँ सवाल कर के देखती हूँ.
आज आप की पोस्ट से ही इस बारे में जानकारी मिली
आभार